पिछले दिनों सुदर्शन के बयां से भरी बवाल मचा, और ठीक उसके पहिले राहुल गाँधी ने बवाल मचाया था.
हमारे देस में संविधान के अनुसार सबको अपनी बात रखने की छूट है. लेकिन इस अधिकार के चक्कर में ये महान हस्तिया आम लोगो की भावनाओ को कितना thes पहुचाते है ये तो या सिर्फ ये जाने या उपर वाला जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा है, मगर विस्वास बहुत है अपने ३३ करोर्ड देवी देवताओ पर जो इतने तब से है जब सारे देसों को मिलाकर के भी इतनी जनसँख्या नहीं थी.खैर मेरी समझ से ये सब पब्लिक stunt है जो जरुरी है राजनीती में बने रहने के लिए और बात bijar गई तो माफ़ी मांग लेंगे और हम (indian) maaf karne में बहुत आगे hai
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